यह कविता नही मेरी धड़कन है। जिसकी हर धड़क तुझ पे अर्पण है। जिसमे मैं दिखू सबसे सुन्दर माँ तू ही तो वो दर्पण है। यह कविता नही मेरा प्यार है। जिसके हर लफ्ज़ तुझ पे वार है। जब माँगू तुझसे रुपय मै दो तू देती मुझे चार है। यह कविता नही तेरा आशीर्वाद है। हर लोरी तेरी मुझे याद है। माँ एक बार पुकार कर देख मेरा हर काम तेरे बाद है। Love you Maa, Do follow if you like. #poem #krintonation