'ख़ुद से ख़ुद का वाबस्ता' ख़ुद से ख़ुद का वाबस्ता तन्हा मुझे होने नहीं देता, अपनों से मिली वीरानियों में, मुझे खोने नहीं देता। क़दम-दर-क़दम ज़िन्दगी लेती रहती है इम्तिहान, बार-बार गिरने के बाद भी, ये मुझे रोने नहीं देता। लगे कितना भी वक़्त ढूँढ़ती हूँ सवालों का जवाब, आँखों में ख़्वाब लिए बिना ये मुझे सोने नहीं देता। दिल अपना समंदर जाने क्या-क्या इसमें छिपाया, देकर साथ, बे-वजह का बोझ मुझे ढोने नहीं देता। बहुत किया और कर भी रहे हैं औरों के लिए 'धुन', जिससे सीखा सबक उस आँसू को धोने नहीं देता। Rest Zone 'ख़ुद से ख़ुद का वाबस्ता' #restzone #rztask63 #rzलेखकसमूह #वाबस्ता #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #feelings