हर तरफ़ वीरां चमन में ख़ुश्क पत्ते रह गए, कट गई शाख़े-शजर, बेबस परिंदे रह गए।। दर्द की सारी हदों को तोड़कर दिल थम गया, मिट गए सब फ़ासले बस चंद लम्हे रह गए।। दोस्ती और दुश्मनी में फ़र्क ही क्या रह गया! जिस तरफ़ देखो फ़क़त अब तो मुखौटे रह गए।। हां मुझे दरिया कि मौजों की नियत पर भी है शक, कश्तियां उसने डुबोयीं, और् ये तिनके रह गए! दिल में कुछ, होंठों पे कुछ, बातों में भी बातें छुपीं, तू गया रावन मगर तेरे ये चेहरे रह गए। अब उन्हीं लोगों से मिलकर ख़ुद पे हंस लेते हैं हम, हाल-ए-दिल न रस्म-ओ-उल्फ़त, झूठे रिश्ते रह गए। जिस्म की ख़्वाहिश से मैली हो गयी चाहत "अलीम", मिट गयी जब प्यास तो सड़कों पे तोहफ़े रह गए।। #yqaliem #yqbhaijaan #veeran_chaman #mukhaute #muhabbat #khushkpatte #dard ख़ुश्क - dry शजर - tree