करुणा मई किशोरी जी, आपकी नजरों में कुछ यूं खोने की तयारी है एक मीरा दीवानी हुई आपकी आज मेरी बारी है मुझे ये जीवन आपकी कृपा से मिला ये तन भी अपने ही दिया जब सब दिया है अपने तो ब्रिजरज में निवास कियू न दिया लोग जन्नत मागते है अपने लिऐ मेरे लिए मेरी जन्नत आपका बरसाना है ©neha thakur jannat