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कभी कभी खामोश मन भी बेकरार होता है जब ख्वाब में भी

कभी कभी खामोश मन भी बेकरार होता है
जब ख्वाब में भी उनके साथ होने का ख्वाब होता है
वो दिन वो शाम वो नजारें तो आज भी चमकते है
सुरों में सरगम हो तो पंछी भी चहकते है
पर उन चमकती वादियों में हम गुमनाम हुए फिरते है
वो साथ नही तो  अब हम खुद के साथ होने से भी डरते है
पर बेकरार मन अब खुद के संभलने लगा है
क्योंकि दिल जानता है
वो बेवफा हैं और उनकी बेवफाई के किस्से आज भी 
महकते हैं 🙃

©shristi dubey
  #मन_की_बात