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राज़ दिलों के न छिपाया करो, जो हो कोई तकलीफ़ बताया

 राज़ दिलों के न छिपाया करो,
जो हो कोई तकलीफ़ बताया करो..!

प्रेम का भंडार है जो पास में,
थोड़ा थोड़ा ही सही दिखाया करो..!

क्रोध को समझ अँधकार की श्रेणी में,
प्रकाश का प्रेम जताया करो..!

आते जाते रहते हैं सुख दुःख तो जीवन में,
तुम हँस कर जीवन खिलाया करो..!

बना कर रखो प्रेम व्यवहार रिश्तों में,
मन मुटाव को भुलाया करो..!

क्यों बनना रात अंधियारे की,
तुम सूरज सा जगमगाया करो..!

©SHIVA KANT
  #raazdilonke