जब भी मिलें मुझसे उनके रकीब पूछते हैं! चाँद लगा कैसे हाथ ये तरकीब पूछते हैं! ख़ामोश मुस्कुराता हूँ मैं उनकी जज़्बातें सुनकर; यार क्या करूँ वो बात ही कुछ अजीब पूछते हैं! #चाँद #रकीब #तरकीब