उर में बस गए राम मेरे, अब दर्शन हर पल करता हूँ। प्रभु दर्शन की अमूल्य निधि से,मैं अपनी झोली भरता हूँ। रखवारे जब से राम हुए,तब से न किसी का दखल हुआ। प्रभु के श्री चरणों में आकर,यह जीवन मेरा सफल हुआ। #मत्त_सवैया_छंद #विश्वासी