या देवी सर्वभूतेषु लज्जा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। भाव का भोग लगाती हूँ मन रुपी आसन बिछाय विराजो विश्व प्रथम देवी हो जाओ सब पर सहाय #शैलपुत्री #चैतनवरात