भटकते कहां हैं श्रीमान ,सजा है यहां दस्तरख्वान जो पसंद हो,नोश फरमाएं; एक बार हमें भी मौका दें, आजमाएं। ज्यादा सोच में ना पड़ जाएं,अपना वोट हमें दें , चैन पाएं बाकी सब हम पर छोड़ जाएं; आप क्या! हम तो देश बेच खाएं। यकीन रखें हम खरे उतरेंगे,एक ही नहीं कई पुश्त तारेंगे अरे आपने जो कर्ज लिया है ,उसे हम सारे सूद के समेत उतारेंगे। #yopodimo में आज एक #हास्यकविता लिखें। #cinemagraph #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi