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" ओ राधा " :- चंचल मन चंचल चित्तवन अति मनभा

" ओ राधा "

:-  चंचल मन चंचल चित्तवन 
    अति मनभावन प्रेम हो कृष्ण का
    तुम स्वंय "प्रेम दर्शन"
   प्रिय Radha 🦋,

अनेकों अनेकों शुभकामनायें आपको आपके अवतरण दिवस की, हमेशा ही खुश रहें ईश्वर से यही प्रार्थना करती हूँ, राधा नाम ही है आपका तो आपके नाम भर से सब राधे - राधे हो जाता है, निःसंदेह सौभाग्य ही है हर माता - पिता का कि उन्हें राधे सी संतान हों,

  प्रेम, करुणा, मित्रता कि देवी राधा, जब हुई होगी ईश्वर को अथाह अनुभूति कि अब प्रेम को परिभाषित करने हेतु एक कथा लिखी जाय तो बिना किसी संकोच के उसने रची होंगी आप सी अनेकों राधा, केवल द्वापरयुग युग में ही नहीं बल्कि हर युग में, तब जाकर प्रेम को मिली होगी एक उत्कृष्ट परिभाषा, जब लिखा होगा गया होगा राधा का निःस्वार्थ प्रेम उसके प्रभु के प्रति और विवश कर दे हर किसी को वाकई प्रेम ऐसा भी होता है, जिसमें केवल केवल और समर्पण भाव होता है, त्याग होता है,

   हाल ही में जुड़े हैं आपसे, बहुत ज्यादा नहीं कम ही पढ़ पायी हूँ आपको, और जितना भी पढ़ा है सुकून ही सुकून महसूस हुआ है, लिखते रहें, और प्रेरणा देते रहें आभार बेहद आपका हमेशा ही सराहते रहने के लिए, .
" ओ राधा "

:-  चंचल मन चंचल चित्तवन 
    अति मनभावन प्रेम हो कृष्ण का
    तुम स्वंय "प्रेम दर्शन"
   प्रिय Radha 🦋,

अनेकों अनेकों शुभकामनायें आपको आपके अवतरण दिवस की, हमेशा ही खुश रहें ईश्वर से यही प्रार्थना करती हूँ, राधा नाम ही है आपका तो आपके नाम भर से सब राधे - राधे हो जाता है, निःसंदेह सौभाग्य ही है हर माता - पिता का कि उन्हें राधे सी संतान हों,

  प्रेम, करुणा, मित्रता कि देवी राधा, जब हुई होगी ईश्वर को अथाह अनुभूति कि अब प्रेम को परिभाषित करने हेतु एक कथा लिखी जाय तो बिना किसी संकोच के उसने रची होंगी आप सी अनेकों राधा, केवल द्वापरयुग युग में ही नहीं बल्कि हर युग में, तब जाकर प्रेम को मिली होगी एक उत्कृष्ट परिभाषा, जब लिखा होगा गया होगा राधा का निःस्वार्थ प्रेम उसके प्रभु के प्रति और विवश कर दे हर किसी को वाकई प्रेम ऐसा भी होता है, जिसमें केवल केवल और समर्पण भाव होता है, त्याग होता है,

   हाल ही में जुड़े हैं आपसे, बहुत ज्यादा नहीं कम ही पढ़ पायी हूँ आपको, और जितना भी पढ़ा है सुकून ही सुकून महसूस हुआ है, लिखते रहें, और प्रेरणा देते रहें आभार बेहद आपका हमेशा ही सराहते रहने के लिए, .
alpanabhardwaj6740

AB

New Creator

प्रिय Radha 🦋, अनेकों अनेकों शुभकामनायें आपको आपके अवतरण दिवस की, हमेशा ही खुश रहें ईश्वर से यही प्रार्थना करती हूँ, राधा नाम ही है आपका तो आपके नाम भर से सब राधे - राधे हो जाता है, निःसंदेह सौभाग्य ही है हर माता - पिता का कि उन्हें राधे सी संतान हों, प्रेम, करुणा, मित्रता कि देवी राधा, जब हुई होगी ईश्वर को अथाह अनुभूति कि अब प्रेम को परिभाषित करने हेतु एक कथा लिखी जाय तो बिना किसी संकोच के उसने रची होंगी आप सी अनेकों राधा, केवल द्वापरयुग युग में ही नहीं बल्कि हर युग में, तब जाकर प्रेम को मिली होगी एक उत्कृष्ट परिभाषा, जब लिखा होगा गया होगा राधा का निःस्वार्थ प्रेम उसके प्रभु के प्रति और विवश कर दे हर किसी को वाकई प्रेम ऐसा भी होता है, जिसमें केवल केवल और समर्पण भाव होता है, त्याग होता है, हाल ही में जुड़े हैं आपसे, बहुत ज्यादा नहीं कम ही पढ़ पायी हूँ आपको, और जितना भी पढ़ा है सुकून ही सुकून महसूस हुआ है, लिखते रहें, और प्रेरणा देते रहें आभार बेहद आपका हमेशा ही सराहते रहने के लिए, .