वतन मेरी सांसों पर तेरा हक हो। तुझ पर मिट जाऊ गर शक हो। बहुत कुछ लिखा है मैंने। मगर तुझे लिखूं वो मेरा आखरी खत हो। मेरी सांसों पर तेरा हक हो। तुझ पर मिट जाऊ गर शक हो। मुझे बस इतना सा धन मिलेगा क्या। शहीद होने के लिए तेरा दामन मिलेगा क्या। मशहूर होने की ख्वाइशें नहीं मेरी। बस तिरंगे के रूप में कफन मिलेगा क्या। सामने मौत हो। तो भी ना सीना धक धक हो। मेरी सांसों पर तेरा हक हो। तुझ पर मिट जाऊ गर शक हो। बहुत कुछ लिखा है मैंने। मगर तुझे लिखूं वो मेरा आखरी खत हो। ©Sandip rohilla #writesence Shilpa yadav