Nojoto: Largest Storytelling Platform

वतन मेरी सांसों पर तेरा हक हो। तुझ पर मिट जाऊ गर

वतन

मेरी सांसों पर तेरा हक हो।
तुझ पर मिट जाऊ गर शक हो।

बहुत कुछ लिखा है मैंने।
मगर तुझे लिखूं वो मेरा आखरी खत हो।

मेरी सांसों पर तेरा हक हो।
तुझ पर मिट जाऊ गर शक हो।

मुझे बस इतना सा धन मिलेगा क्या।
शहीद होने के लिए तेरा दामन मिलेगा क्या।

मशहूर होने की ख्वाइशें नहीं मेरी।
 बस तिरंगे के रूप में कफन मिलेगा क्या।

सामने मौत हो।
तो भी ना सीना धक धक हो।

मेरी सांसों पर तेरा हक हो।
तुझ पर मिट जाऊ गर शक हो।

बहुत कुछ लिखा है मैंने।
मगर तुझे लिखूं वो मेरा आखरी खत हो।

©Sandip rohilla #writesence  sweta Neha Bharti Shilpa yadav  Prashant Shilpa Sona kanishka
वतन

मेरी सांसों पर तेरा हक हो।
तुझ पर मिट जाऊ गर शक हो।

बहुत कुछ लिखा है मैंने।
मगर तुझे लिखूं वो मेरा आखरी खत हो।

मेरी सांसों पर तेरा हक हो।
तुझ पर मिट जाऊ गर शक हो।

मुझे बस इतना सा धन मिलेगा क्या।
शहीद होने के लिए तेरा दामन मिलेगा क्या।

मशहूर होने की ख्वाइशें नहीं मेरी।
 बस तिरंगे के रूप में कफन मिलेगा क्या।

सामने मौत हो।
तो भी ना सीना धक धक हो।

मेरी सांसों पर तेरा हक हो।
तुझ पर मिट जाऊ गर शक हो।

बहुत कुछ लिखा है मैंने।
मगर तुझे लिखूं वो मेरा आखरी खत हो।

©Sandip rohilla #writesence  sweta Neha Bharti Shilpa yadav  Prashant Shilpa Sona kanishka