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ओ सनम ओ सनम प्यार किया जीना मुश्किल था फिर भी जिय

ओ सनम ओ सनम प्यार किया 
जीना मुश्किल था फिर भी जिया

जिस जगह पर हम-तुम मिले थे 
गीले शिकवे शिकायत किये थे 
वहां हर जगह फूल खिल गया
जीना.......ओ सनम.....

जहाँ  चारों तरफ दोस्त-ही-दोस्त थे 
तु जो मिली वो दुश्मन हुए हैं 
यारी छोड़ दुश्मनी निम्हा दिया
जीना.....ओ सनम........

पहली नजर में प्यार हो गया 
दुर रहकर जीना दुश्वार हो गया 
दिल-ही-दिल में  बात हो गया
जीना......ओ सनम.........

राकेश को छोड़ तु दुर ना जाना 
प्यार किया है तो प्यार निभाना
मेरा मन तेरा मन एक हो गया 
जीना.....ओ सनम......

©Chhotelal
  ओ सनम ओ सनम प्यार किया
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Chhotelal

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ओ सनम ओ सनम प्यार किया #कविता

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