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भूख सब को भूख है और सब की भूख पूरी भी होती है को

भूख

सब को भूख है और सब की भूख पूरी भी होती है 
कोई दया खाता है तो कोई खार
कोई वहम खाता है तो कोई मार
कोई मुनाफ़ा खाता है तो कोई इल्ज़ाम 
कोई अपने प्रेमी को खाता है तू कोई राँड 
कोई खाता है नर जाति
तो कोई खा जाता है संपूर्ण प्रजाति 
कोई जवानी खा जाता है तो कोई स्मृतियाँ
कोई गाँव के गाँव खा जाता है तो कोई त्रुटियाँ 
कोई शर्म खा जाता है तो कोई कमियाँ
अंत में यह भूख हमें खा जाएगी 
और जब कुछ भी नहीं बचेगा तो स्वयं को।

©Abhishek 'रैबारि' Gairola भूख

सब को भूख है और सब की भूख पूरी भी होती है 
कोई दया खाता है तो कोई खार
कोई वहम खाता है तो कोई मार
कोई मुनाफ़ा खाता है तो कोई इल्ज़ाम 
कोई अपने प्रेमी को खाता है तू कोई राँड 
कोई खाता है नर जाति
भूख

सब को भूख है और सब की भूख पूरी भी होती है 
कोई दया खाता है तो कोई खार
कोई वहम खाता है तो कोई मार
कोई मुनाफ़ा खाता है तो कोई इल्ज़ाम 
कोई अपने प्रेमी को खाता है तू कोई राँड 
कोई खाता है नर जाति
तो कोई खा जाता है संपूर्ण प्रजाति 
कोई जवानी खा जाता है तो कोई स्मृतियाँ
कोई गाँव के गाँव खा जाता है तो कोई त्रुटियाँ 
कोई शर्म खा जाता है तो कोई कमियाँ
अंत में यह भूख हमें खा जाएगी 
और जब कुछ भी नहीं बचेगा तो स्वयं को।

©Abhishek 'रैबारि' Gairola भूख

सब को भूख है और सब की भूख पूरी भी होती है 
कोई दया खाता है तो कोई खार
कोई वहम खाता है तो कोई मार
कोई मुनाफ़ा खाता है तो कोई इल्ज़ाम 
कोई अपने प्रेमी को खाता है तू कोई राँड 
कोई खाता है नर जाति

भूख सब को भूख है और सब की भूख पूरी भी होती है कोई दया खाता है तो कोई खार कोई वहम खाता है तो कोई मार कोई मुनाफ़ा खाता है तो कोई इल्ज़ाम कोई अपने प्रेमी को खाता है तू कोई राँड कोई खाता है नर जाति