मैं सरहदों में बैठकर जो कर रहा हूँ।
मैं ज़िंदा होके जीतेजी जो मर रहा हूँ।
मैं हूँ वही ज़मी का सीना फाड़ता हूँ।
मैं हूँ वही जो देश पूरा पालता हूँ।
वो कहता है मैं गैर और बेईमान हूँ।
पाकीस्तां या की कोई खालिस्तान हूँ।
मैं देश का किसान हूँ,हाँ!मैं देश का किसान हूँ। #हिंदुस्तान#पाकिस्तान