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हम अक्सर मिलने आते थे छुट्टी के बाद सरकारी पाठशाला

हम अक्सर मिलने आते थे
छुट्टी के बाद
सरकारी पाठशाला के पीछे।

हम अक्सर वो खट्टी-मिठी टाफियां खाते थे
खान चाचा कि वो छोटी सी दुकान से।

हम अक्सर मिल जाया करते थे
शिव मंदिर के बाहर
जब तुम अपनी माँ के साथ लौट रही होती थी
पूजा से
और हम मिल जाते थे शायद इत्तेफाक से।

 ★ |यादों के पन्ने से कुछ अंश| ★

©Suvesh Shukla |यादों के पन्ने से कुछ अंश| #nojotowriters #NojotoWriter #yaadein #LoveStory #nojotohindi #shortpoetry #Shayar #suveshshukla #Trending 
#alone 

 Internet Jockey Kapil Nayyar Sudha Tripathi
हम अक्सर मिलने आते थे
छुट्टी के बाद
सरकारी पाठशाला के पीछे।

हम अक्सर वो खट्टी-मिठी टाफियां खाते थे
खान चाचा कि वो छोटी सी दुकान से।

हम अक्सर मिल जाया करते थे
शिव मंदिर के बाहर
जब तुम अपनी माँ के साथ लौट रही होती थी
पूजा से
और हम मिल जाते थे शायद इत्तेफाक से।

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