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सजाकर थाल पूजा की,अजी तुझको,पुकारूं मैं। कहाँ खोए,

सजाकर थाल पूजा की,अजी तुझको,पुकारूं मैं।
कहाँ खोए,अजी प्रीतम,सुनो तुझको,पुकारूं मैं।
किये शृंगार मैं बैठी,लिये संग में हुई चलनी-
सुबह से मैं,यहाँ भूखी, अपनी प्यास, मिटाऊं मैं।

©Bharat Bhushan pathak
  #happykarwachauth 
सजाकर थाल पूजा की,अजी तुझको,पुकारूं मैं।
कहाँ खोए,अजी प्रीतम,सुनो तुझको,पुकारूं मैं।

#happykarwachauth सजाकर थाल पूजा की,अजी तुझको,पुकारूं मैं। कहाँ खोए,अजी प्रीतम,सुनो तुझको,पुकारूं मैं। #Poetry

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