क्या कहें हम इसे मोम समझा जिसे... वो भी निकला है पत्थर की चट्टान सा ! जो भी अपना दिखा वो ही सपना दिखा.... रुठ कर चल दिया घर से महमान सा ! ,,,,,,,,, आज फिर भूल से एक गलती हुई कांच के फ्रेम में एक पत्थर जड़ा एक दरिया समझ पास जिसके गया था वहाँ आंसुओ का समंदर बड़ा द्वार पर जिसके गमले सजे फूल के था उसी घर में जंगल भी सुनसांन सा ......... #komal sharma #shweta sharma