कौन कहता है कि मौसम बहार का हमेशा ही बहार लेकर आता है? टूटे सपनों, टूटे ख़ाबों के किस्से हज़ार लेकर आता है, दिल के ज़ख़्म, पानी के संग रिसते हैं, बर्फ़ीली ठंड में शोलों-से ये दहकते हैं, यादों का ये मौसम जब ख़याल-ए-यार बार-बार लेकर आता है। ✍️By- नीतू पांचाल 'निधि'✍️ बरसात पर शायरी... by- नीतू पांचाल 'निधि'