बड़े दिनों बाद खुले आसमां की ओर तसल्ली से देखा आज, कहीं बर्फ़ से घिरी वादियाँ थी, तो कहीं पानी में बहता जहाज़ बना था, एक ऊँट भी बना था जो अभी अधूरा ही था, फिर कुछ काले बादल आए और सबकुछ मिटा गए।