हमने दुआएँ हज़ार भेजीं हैं कभी हमें भी दो-चार भेजिए| न जाने कब पड़े हमारी ज़रूरत यूँ चिढ़कर न व्यवहार भेजिए| मन भर गया खाली वादों से भला करे वो सरकार भेजिए| दाने-दाने मोहताज़ है जनता चाहतों का न त्यौहार भेजिए| ✍-राजकुमारी भेजिए... तो जाने!! * #nojoto #nojotohindi #nojotokavita