रिश्तें और आशाएँ ऐ दिल ए नादान मत रख कभी रिश्तों से आशाएं, रखेगा रिश्तों से उम्मीदें तो लगेगी हाथ निराशाएं। रखेंगे रिश्तों से आशाएं तो बिखर जाएंगे यह रिश्ते, बिन उम्मीद के निभाएं तो महक जाएंगे यह रिश्ते। #रिश्ते और आशा#