क्यों ये रोज निगाहें तुमसे टकराती है....................... क्यों ये तुम्हारी निगाहों से टकराकर झुक जाती है................. क्यों ये जुबां खामोश होकर भी तुमसे बहुत कुछ कह जाती है, क्यों ये अनगिनत बातें तुमसे अनकही जुबां तक आकर रह जाती है, क्यों ये रात हर रात फिर से लौटकर फिर आ जाती है............. क्यों ये रात जो नहीं करना है वो महसूस करा जाती है.............. क्यों ये रात जो नहीं देखना चाहती वो दिखा जाती है................ ये रात तुम्हारी यादों के जलते दीप बुझा जाती है................. क्यों ये रात मुझे तुम्हारी रात से जुदा कर जाती है............... पता है मुझे तुम मेरे नहीं,फिर क्यों मेरा होने का एहसास कराती है, क्यों ये तुम्हारी निगाहें मुझसे तुम्हारे बिनकहे किस्से बयां कर जाती है, क्यों ये तुम्हारी यादें मुझे मुझसे ही दूर ले जाती है....................... -Vimla Choudhary 15/02/2022 ©vks Siyag #yaadein #Nigaahein #ishaqunlimited #lovepoetry #hindi_poetry #nojotohindi #vkssiyag #VksWrites #VimlaChoudhary