पराये से लगते हैं ये जमाने वाले, जब रुठ जाते हैं हमसे, मनाने वाले। खंजर तो सबने छुपा रखे हैं मगर, ज़ख्म तो देते हैं दिल लगाने वाले। मैं लौट आना चाहता हूं शहर अपने लेकिन, कहीं दूर बस गए हैं हमें बुलाने वाले। ©Alok Garg Kumar Shukla #Nojoto #nojotoshayari #Nojotonew #nojotowriters #mananewale #alokgargkumarshukla #Shayari #gazal #HeartBreak