शर्मीले से सुलझे से एक हमारे भैया है, किसी से भी तेज आवाज मे, बाते करना उनको ये नहीं आता है, खुद वो भले बिखरे पर रिश्तों को नहीं टूटने देते है, सब की बातों सहना, उनको भलि प्रकार आता है, अपना बड़कपन हमेशा, वो दिखलाते है, हमे रिश्तों को निभाना, वो सीखलाते है........ ❤️💞💕 This line for you bhaiya खुशबू उपाध्याय ✍️ # हमारे प्यारे भैया ❤️