कई दिन बीत गए तुमसे मिले हुए।अब तो तुम्हारी तस्वीर भी मेरी आंखो के सामने धुंधली सी नजर आती है।पता नही किस मंजर से होकर गुजर रहा है मेरा जीवन। कभी कभी लगता है कि तुम जब करीब थी तो सारी दुनिया अपनी थी और आज सारी दुनिया दुश्मनों सा व्यवहार करती है। हमारा जीवन किसी बच्चे और उसके बचपन सा हो गया है। जब करीब था तब कद्र ना रहती थी और आज जब कद्र है तो पास नही हैं।सच बताऊं कभी कभी पास होना दूरियों से ज्यादा दर्द देता है ।तुम्हारी हंसी देख आज भी पुराने दिन याद आ जाते हैं।तुमने ही तो सिखाया था रातों को जागना।अपने सपनों के पीछे भागना।आज जब सपनो के पीछे दौड़ रहा हूं तो तुमसे दूर होता जा रहा हूं।सच बताऊं तो दो प्रेम करने वालों की जिंदगी के रास्ते, त्रिभुज के जैसे होते हैं जहां दोनो की कोशिशों के वर्ग का योग, उनके सपनो के पूरे होने के वर्ग के बराबर होता है। ...#जलज कुमार ©JALAJ KUMAR RATHOUR कई दिन बीत गए तुमसे मिले हुए।अब तो तुम्हारी तस्वीर भी मेरी आंखो के सामने धुंधली सी नजर आती है।पता नही किस मंजर से होकर गुजर रहा है मेरा जीवन। कभी कभी लगता है कि तुम जब करीब थी तो सारी दुनिया अपनी थी और आज सारी दुनिया दुश्मनों सा व्यवहार करती है। हमारा जीवन किसी बच्चे और उसके बचपन सा हो गया है। जब करीब था तब कद्र ना रहती थी और आज जब कद्र है तो पास नही हैं।सच बताऊं कभी कभी पास होना दूरियों से ज्यादा दर्द देता है ।तुम्हारी हंसी देख आज भी पुराने दिन याद आ जाते हैं।तुमने ही तो सिखाया था रातों को जागना।अपने सपनों के पीछे भागना।आज जब सपनो के पीछे दौड़ रहा हूं तो तुमसे दूर होता जा रहा हूं।सच बताऊं तो दो प्रेम करने वालों की जिंदगी के रास्ते त्रिभुज के जैसे होते हैं जहां दोनो की कोशिशों के वर्ग का योग, उनके सपनो के पूरे होने के वर्ग के बराबर होता है। ...#जलज कुमार #letter