ये दीवानापन उसका मुझे पागल करता है ये तेरी ओर मुझको लेकर क्यों चलता है कुछ बात है उसमें ऐसी, कुछ अलग सी है वो दिल पागल मेरा उसपे जाने क्यों मरता है आज़ मिलीं है मुझको, चल दिल की बात कहते हैं उसे ख़बर नहीं शायद हांँ, हम उसपे क्यों मरते हैं कुछ प्यार भरी बातें कर चल उसे मनाते हैं उसका दिल मेरा घर है, हाँ हम उसमें रहते हैं मद मस्त अदाओं वालीं हसीना, किस ओर तू रहतीं हैं ज़रा मिल जाओ आ मुझमें, बैचेनी बढ़ती है कभी याद करो हाँ मुझको, मैं जो तेरा दीवाना हूँ तेरी चाहत में ये आंँसू, जो तेरी याद में बहती है ना हो हक़ीक़त में मुमकिन सपनों में ही आ जाना आकर थोड़ी ख़ुशियों से मेरा दामन भर जाना मैं आशिक जो तेरा हूँ, मजनू भी तेरा बन जाऊँ तू लैला बन कभी, हाँ मेरा होश उड़ा जाना 🎀 Challenge-212 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।