जो पाने कि चाह थी , वो कभी मिला नहीं जिसको मिल गया , उसे अब परवाह नहीं क्या मांगना था , क्या मांग लिया मेने जहाँ मे खड़ा था , फिर वही आगया मे शुकर हैं वक़्त नहीं आता लोट कर वापस जीते जी मर गया होता वही आकर मे ©संजय parihar #WorldOrganDonationDay