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मेरे घर के ऊपर खूब रोशनी फैलाकर मंडराया कुछ अपने

 मेरे घर के ऊपर खूब रोशनी फैलाकर मंडराया कुछ अपने बारे में और कुछ मेरे इश्क के बारे में बताया और कहां की मैं इश्क की वह रोशनी हूं जो अंधेरे को भी रोशन कर दू मौसम था सुहाना दिल और कहीं नहीं सिर्फ चांद से था लगाना

©manoj Kumar Mudgal
  #रात भर एक चांद का साया इश्क फरमाया

#रात भर एक चांद का साया इश्क फरमाया #लव

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