पल पल ठहरा सा लगता हैं खुद पे अब किसी का पहरा सा लगता हैं जाने क्या खतां हुई क्या हुआ गुनाह जो आज बंद हैं हर गली हर सुनसान हर चौराहा लगता हैं #सुनसान