नुमाइश पैसो की या जिस्म कि ना उसके पास पैसे थे ना जिस्म काफ़िर तेरी नुमाईश सा फिर बात क्या मजहब की थी रोजे रमजान इस्लाम की थी थी तो,मजहब नही सिखलाता कोई यू इंसानियत को नोचना😖 कहता हो शायद ऐसा तेरा धर्म हो वो काफिर झूठा तेरा जिहाद है।। ...........कुमार ललित #twinkl #NojotoQuote #twinkl