Nojoto: Largest Storytelling Platform

तेरे - मेरे बीच रही अब पहले जैसी बात क

तेरे - मेरे   बीच  रही   अब   पहले   जैसी   बात  कहाँ 
पहले   से   जज़्बात  कहाँ,  पहले  जैसे   लम्हात  कहाँ 

याद  आता  है  वो सावन  जब  हम तुम भीगा करते थे 
बारिश  अब भी  होती  है पर  होती  अब बरसात कहाँ 

चाँद  को  रक़्स  कराते  थे  तस्वीर  दिखा  कर  हम तेरी 
अब उससे आँख मिला पाने की भी अपनी औक़ात कहाँ 

रातों  को  पहलू   में  आ   तुम  प्यार  के  नग़्मे  गाते  थे 
वो सुन्दर, सुरमई  शामों-सी  अब जानाँ  कोई रात कहाँ 

था वस्ल का दौर परस्तिश'तो हिज्र भी होना लाज़िम था 
मौसम   के  भी  यकसर  रहते  इक  जैसे  हालात  कहाँ

©Parastish
  यकसर- बिल्कुल, पूरी तरह

#parastish #ghazal #Poetry #Shayari #Love #sadpoetry
pooja7092330500628

Parastish

Silver Star
Super Creator

यकसर- बिल्कुल, पूरी तरह #parastish #ghazal Poetry #Shayari Love #sadpoetry

10,567 Views