White दश्त में प्यास बुझाते हुए मर जाते हैं हम परिंदे कहीं जाते हुए मर जाते हैं हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हँस जो तअ'ल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते हैं उन के भी क़त्ल का इल्ज़ाम हमारे सर है जो हमें ज़हर पिलाते हुए मर जाते हैं ©Er. Razia # sad quotes