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ले चलो वहाँ, कोई तारा टुटता जहाँ है! दूर से हुई म

ले चलो वहाँ, कोई तारा टुटता जहाँ है! 
दूर से हुई मिन्नतें हमारी वो सुनता कहाँ है!

मंजिल न सही कोई ठहराव तो होगा, पता करो
गुजरता हुआ ये वक्त रुकता कहाँ है? 

तुम हवा दे रहे हो किसी न किसी बहाने से
मेरे यार, आग इश्क का युं ही सुलगता कहाँ है?
 
छोड़ो नींद से मिल लेंगे फिर कभी
अभी तेरी यादों से फुर्सत कहाँ है? 

तुम तो मिलने से रहे मुझको लेकिन 
प्रियतम, ये रूह तुमसे रुख़्सत कहाँ है?

©RAVISHANKAR PAL ले चलो वहाँ कोई तारा टूटता जहाँ है
#willingness #Chahat #Nojoto #nojotohindi #gazal   Divya Joshi कवि संतोष बड़कुर deepti Harlal Mahato Vivek.....
ले चलो वहाँ, कोई तारा टुटता जहाँ है! 
दूर से हुई मिन्नतें हमारी वो सुनता कहाँ है!

मंजिल न सही कोई ठहराव तो होगा, पता करो
गुजरता हुआ ये वक्त रुकता कहाँ है? 

तुम हवा दे रहे हो किसी न किसी बहाने से
मेरे यार, आग इश्क का युं ही सुलगता कहाँ है?
 
छोड़ो नींद से मिल लेंगे फिर कभी
अभी तेरी यादों से फुर्सत कहाँ है? 

तुम तो मिलने से रहे मुझको लेकिन 
प्रियतम, ये रूह तुमसे रुख़्सत कहाँ है?

©RAVISHANKAR PAL ले चलो वहाँ कोई तारा टूटता जहाँ है
#willingness #Chahat #Nojoto #nojotohindi #gazal   Divya Joshi कवि संतोष बड़कुर deepti Harlal Mahato Vivek.....