मैं भी अंजान था दिल भी अंजान था, सीने में ख्वाहिशों का एक तूफ़ान था, हमने समझा जिसे अपने घर का रकीब, वो तो आया-गया एक मेहमान था। कुछ तेरा काम था कुछ मेरा काम था, तेरी गलियों में आशिक मैं बदनाम था, इतनी शिद्दत से चाहा था तुझको सनम, जान निकली तो तुझ पर ही इल्ज़ाम था। -rahul rajvansh' ©❤︎RAHUL RAJVANSH प्यार का रिश्ता इतना गहरा नहीं होता, दोस्ती के रिश्ते से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता, कहा था इस दोस्ती को प्यार में न बदलो, क्यूंकि प्यार में धोखे के सिवा कुछ नहीं होता। -rahul rajvansh #Travelstories