बिना चाहता के मक़ाम कहा बनते हे " तकदीर के भरोसे कहा इंसान राह चुनते है रात अगर अन्धकार से घिरी है तो डर लगता ही है चांदनी का उजाला ख़िदमत हे रातो की " बिना सूरज के कोई फूल कहा खिलता है - दुनिया को श्वेरा कहा मिलता हे ... " सब रहमतो का कर्म है ... आप अपना कर्म बनाय रखे - ©G0V!ND DHAkAD #Night and #day #fortune #destiny