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वो मख़मली धूप सा , एहसास हो तुम लबों की ना बुझ सके,

वो मख़मली धूप सा , एहसास हो तुम
लबों की ना बुझ सके, वो प्यास हो तुम ।
वो नैनों के झरोखें में, खोई सी आस हो तुम ।
जीने के लिए ज़रूरी हो, वो हर साँस हो तुम
जो हो शामिल हर गम , हर खुशी में मेरे 
वो मेरी आखिरी नमाज़ हो तुम ।।। #nojoto #nojotohindi 
PC: Pixabay
वो मख़मली धूप सा , एहसास हो तुम
लबों की ना बुझ सके, वो प्यास हो तुम ।
वो नैनों के झरोखें में, खोई सी आस हो तुम ।
जीने के लिए ज़रूरी हो, वो हर साँस हो तुम
जो हो शामिल हर गम , हर खुशी में मेरे 
वो मेरी आखिरी नमाज़ हो तुम ।।। #nojoto #nojotohindi 
PC: Pixabay