कभी हँसाता है और कभी हमको रुलाता है, ये एक तरफ़ा इश्क़ मेरा हमें बड़ा तड़पाता है। कहना भी मैं चाहूँ अगर तो कह नहीं पाता हूँ, छुपाना भी चाहूँ गर तो छुपा भी नहीं पाता हूँ। दिल की बात तुझे बताने की चाहत रखता हूँ, पर आते हो तुम सामने तो होश गँवा बैठता हूँ। यकीन है खुद पर और अपनी मोहब्बत पर भी, जाने फिर क्यों दिल की बात कहने से घबराता हूँ। जानता हूँ मैं उसका भी हाल पर कहता नहीं हूँ, उसका साथ पाकर मैं भी अनजान बन जाता हूँ। ♥️ Challenge-757 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।