रोते-रोते आँख भी भरने को तैयार है, मुक़म्मल नहीं है फ़िर भी है जो, वो ही सच्चा प्यार है, एक तरफ़ा हो, चाहे हो दोनों तरफ़ की आग ये, इसको बुझाने वाले कब से बैठे बेरोज़गार हैं। #like #share #comment #shayari #hindishayari #vijaywrites #love