किसी को अपना बना के उसके दिन निराले करते हैं उसके गम उधार लेकर खुशी को उसके हवाले करते हैं हमारे दिल के कमरे में अंधेरा भी हो तो क्या हुआ हम वो शख्स हैं जो काली रातों में ही उजाले करते हैं आदित्य कुमार भारती # without depression