जैसे पथझर में गिरे सूखे पत्ते मिलते है, एक और सूखे पत्ते से। - Rest in caption हम मिले भी तो ऐसे जैसे पथझर में गिरे सूखे पत्ते मिलते है, एक और सूखे पत्ते से। ज़िन्दगी के तेज धूप में झुलसाए, हम दोनों ही भूरे थे, भागती चहकती दुनिया से बिछड़े हमारे सिरे थे। पर समय के उस डिब्बे में,