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जन्मोत्सव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह "दिनकर"जी का °°°

जन्मोत्सव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह "दिनकर"जी का
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जिनकी कलम की "हुंकार" से स्वतंत्रता हेतु धरा उठी थी डोल,
आप हैं हमारे पूर्वज पूज्यनीय दिनकर जी "कुरुक्षेत्र" के बोल।

हे राष्ट्रकवि! हाहाकार, रश्मिरथी और उर्वशी के आप रचनाकार हैं,
हे पद्मभूषण! देश-विरोधी कृत्यों पर आप अब भी तीक्ष्ण प्रहार हैं।

मुझ जैंसी छोटी कलमों में "हृदय" जागृत बन देशभक्ति की अमिट स्याह हैं,
श्रृंगार सहित ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति के "दिनकर" अमर उत्साह हैं।
-रेखा "मंजुलाहृदय"

(जयंती:- 23 सितम्बर 1908 सिमरिया घाट, बेगूसराय जिला, बिहार) ☆





जन्मोत्सव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह "दिनकर"जी का
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जन्मोत्सव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह "दिनकर"जी का
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जिनकी कलम की "हुंकार" से स्वतंत्रता हेतु धरा उठी थी डोल,
आप हैं हमारे पूर्वज पूज्यनीय दिनकर जी "कुरुक्षेत्र" के बोल।

हे राष्ट्रकवि! हाहाकार, रश्मिरथी और उर्वशी के आप रचनाकार हैं,
हे पद्मभूषण! देश-विरोधी कृत्यों पर आप अब भी तीक्ष्ण प्रहार हैं।

मुझ जैंसी छोटी कलमों में "हृदय" जागृत बन देशभक्ति की अमिट स्याह हैं,
श्रृंगार सहित ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति के "दिनकर" अमर उत्साह हैं।
-रेखा "मंजुलाहृदय"

(जयंती:- 23 सितम्बर 1908 सिमरिया घाट, बेगूसराय जिला, बिहार) ☆





जन्मोत्सव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह "दिनकर"जी का
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