ज़हर घोल पहले तो कोहराम कर, जो मिल जाये कुर्सी तो आराम कर। हैं तेरी नज़र में जो गद्दार ठहरे, मारके तू गोली अब राम राम कर। कमरों में बंद सौदे करते है कायर, गर हिम्मत जो हो तो सरेआम कर। ये झूठ तो समझो हलाल हुआ है, सच को भी अब तो पूरा हराम कर। साहिब के तांगे का घोड़ा हुआ है, तांगा गिरा खुद को बेलगाम कर। लग गई जो नौकरी सरकारी तेरी, सुबहो- दोपहर और बस शाम कर। #love #politics #passion #shayri #lockdown #gazal #nazm #urdu #hindi #poetry