दर बदर भटक रहे थे हम चैन-ओ-सुकून की तलाश में जाने कब से, जिंदगी हर मोड़ पर हर पल ही हमारा इम्तिहान लिए ही जा रही थी। दिखता ना था कोई किनारा फंसी थी हमारी जीवन नैय्या मझधार में, तूने जो बढ़ कर थाम लिया हाथ हमारा जिंदगी को सुकून मिल.गया। तेरे प्यार का जो सहारा मिल गया खुशियों की तलाश भी खत्म हो गई, गमों को तूने अपना बनाकर खुशियों की हम पर जैसे बरसात कर दी। आपका आज का टॉपिक है "खुशियों की तलाश" •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ✍🏻✍🏻Collab करने के बाद done जरूर लिखे✍🏻✍🏻👍 ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••