दरारें चमकेंगी मेरी, मेरे ज़हन से, तुम तोड़कर भी, मुनाफे नहीं पाओगे,, ये वक्त है, शायद तुम पर आ जाएं,* तुम भी, ऐसे वक्त में सहारे नहीं पाओगे,, ©Nishank Pandey #दरारें