तेरे जैसा यार कहाँ, जीवन का एक अंश मन का है प्रीत विश्वास भरें जो खुद का ऐसा होता है मीत ।। जो झेल ले सारे गम खुशियों को बाटें हरदम हर जगह साथ हो हमेशा मुस्कान लिये हरदम एक मीठा सा गीत ऐसा होता है मीत।। हर मुसीबत को जो टार दें बेइंतहा मोहब्बत और प्यार दें सुकुन बनायें रखें निरंतर अपनों संग बस व्यापार दें जीवन की रीत है ऐसा होता मीत है।। हर खुफियां बातें जो जाने हर मर्म को जाने पहचाने हर काम समझकर करें वो जीत ही जीत मन मे ठाने पावन व पुनीत है ऐसा होता मीत है।। बराबरी का समझे सबको भेद प्रभेद न करें मन को ध्येय रखें स्नेह के लिए सदा पल पल हरपल हमको तुमको प्रकाश का दीप है ऐसा होता मीत है।।