अब तुम हमारी किसी भी बात की परवाह नहीं करते हो। शिकायत है तुमसे अब अपनों के अलावा किसी की भी अहमियत नहीं करते हो। शिकायत है तुमसे अब तुम हमारी ख्वाहिशों को अपनी ख्वाहिशों नहीं समझते हो। शिकायत है तुमसे अब तुम्हारी जिंदगी में मेरे होने ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। शिकायत है तुमसे अब तुम पहले की तरह मेरी खामोशी की भाषा नहीं समझते हो शिकायत है तुमसे तुम तुम शायद हमको पहले जैसा प्यार ही नहीं करते हो। ♥️ Challenge-573 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।