वक़्त भी ठीक है गुज़र तो जाता है एक तेरी याद है वहीं के वहीं ठहरी है मिलना ना मिलना तो बात मुकद्दर की है मसला तो ये है कि चाहत कितनी गहरी है एक तू ज़िद्दी है अपनी जगह से हटता नहीं एक दिल है कि कहीं और बैठता नहीं और कितनी बार कहता हूँ बिखरा मत कर फ़िर कहता है कोई मुझे समेटता नहीं तेरी परछाई है जो लिखने को मज़बूर करती है वरना बेवजह जख्म कोई कुरेदता नहीं, और ये मेरे कदम है कि खुद ब खुद तेरी ओर चल देते है वरना सच कह रहा हूँ मैं तो उधर देखता भी नहीं Little sarcastic #blessedlove #alwaysinmyheart