एक #धागे ने कुछ मोती को इकट्ठे किया और एक माला बनाई, जो बहुत #सुंदर थी। कुछ समय बिता और धागे को लगा कि मैं ही सुंदर है । इन मोतियों की क्या आवश्कता है। ये #मोतियों को भी #एहसास होने लगा उनकी #सुन्दरता कम हो रही है, इस माला में । फिर क्या था कि कुछ #मोतियों ने इस माला से अलग होने का #निर्णय लिया ओर देख ही देखते वो माला, फिर से एक धागा और कुछ मोती बन गए...