हो रहा है सनम ये असर किसलिए? पड़ रही है इधर ये नज़र किसलिए? रहते हैं यार अक़्सर ही मशरूफ़ जो, इन दिनों हैं यूँ मयस्सर किसलिए? बेफ़िकर से मेरे यार सितमगर को, हो रही है ज़रा सी क़दर किसलिये? बेवजह ही निगाह जो चुराया करते थे, मिल रही है नज़र से नज़र किसलिए? वो बात के जिससे बेख़बर हम भी थे, हो रही है उन्हें वो ख़बर किसलिए? दो लफ़्ज़ सही, उस ज़ुबाँ से हमारा, सुना है हो रहा है ज़िकर किसलिये? इक़रार हो कोई,एक इशारा तो मिले, कोई पूछे जऱा ये सबर किसलिए? ©Shiwalika_SSS #leaf #नज़र #Nozoto #Hindi #nozotohindi #ग़ज़ल #hindi_poetry #gazal #NozotoNews